Thursday, March 15, 2018

पटना पुस्तक मेला 2017 में काव्यपाठ


दिनांक 10/12/2017 को ज्ञान भवन, पटना में आयोजित पुस्तक मेले में साहित्य को समर्पित संस्था लेख्य - मंजूषा के सदस्यों द्वारा बेटियों के सशक्तीकरण विषय पर "काव्योत्सव" का आयोजन किया गया। मैंने अपनी दो कविता प्रस्तुत की। डॉ कल्याणी ने सामाजिक कुरितियों को दूर करने की कविता सुनाई। वीणाश्री हेंब्रम ने सुनाया कि 'जब तक रहते हो, सब संवरा सा लगता है'। श्रीमती कृष्णा सिंह ने सुनाया 'ये पुस्तक मेला है, ये पुस्तक मेला है'। सदस्यगण में डॉ सतीशराज पुष्करणा, संगीता गोविल, डॉ सुधा सिन्हा , नेहा नुपुर, ज्योती स्पर्श , एकता कुमारी आदि ने भी अपनी रचनाओं से श्रोताओं को आकर्षित किया। इस अवसर पर रचनाओं में सामाजिक कुरुतियाँ तथा उनके निवारण की भी बात कही गई। बड़ी संख्या में श्रोताओं के साथ कवि श्री घनश्याम,कवि श्री निलांशु रंजन, पद्म श्री सम्मान प्राप्त प्रसिद्ध लेखिका डॉ उषा किरण खान,कवि डॉ बी. एन. विश्वकर्मा,श्री आनंद माधव, श्रीमती भावना शेखर, ई गणेश जी बागी आदि उपस्थित थे। मंच का संचालन श्रीमती वीणाश्री हेंब्रम तथा संजय कुमार‌ 'संज' ने किया। धन्यवाद ज्ञापन संस्था की अध्यक्ष श्रीमती विभा रानी श्रीवास्तव ने किया।

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