प्रारंभ
हर काम शुरू में कठिन लगता है पर करते-करते खुद ब खुद आसान। छोटे कदमों से दूरी नापी जा सकती है पर पहाड़ पर फतह नहीं। पहाड़ को फतह लंबे कदमों और छलांग लगा कर किया जा सकता है। पर ये भी सत्य है कि शुरुआत तो छोटे कदमों से ही होगी। फिर नज़र जमें, कदम दर कदम चले तो मंजिल आसान।
इसका आशय साफ है कि कोई भी काम कितना भी बड़ा या कठिन क्यों न हो पर शुरूआत करने से सफलता के आसार बढ़ जाते हैं। क्योंकि जो शुरू हीं न हो उसका अंत तो उसी में निहित है। तो बस, शुरुआत करें और सफलता के सोपान तक पहुंच कर हीं दम लें।
इसका आशय साफ है कि कोई भी काम कितना भी बड़ा या कठिन क्यों न हो पर शुरूआत करने से सफलता के आसार बढ़ जाते हैं। क्योंकि जो शुरू हीं न हो उसका अंत तो उसी में निहित है। तो बस, शुरुआत करें और सफलता के सोपान तक पहुंच कर हीं दम लें।
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