एक कविता चुनाव विशेष पर:
शीर्षक: वोट की चोट
सोंच में मोंच
या मोंच से सोंच
पर तू ज़रूर सोंच
सोंच के नोंच
या नोंच के सोंच
पर तू कभी मत नोंच
सोंच में लोच
या लोच से सोंच
पर तू ज़रूर सोंच
सबमें है थोड़ी खोंट
हॉ॑, तू जरूर सोंच
देते समय अपना वोट
बिना लिए कोई भी नोट
क्योंकि लगती है जोर से
वोट की चोट
वोट की चोट
हॉ॑, भाई वोट की चोट
©संजय कुमार 'संज'
(Pic courtesy)
शीर्षक: वोट की चोट
सोंच में मोंच
या मोंच से सोंच
पर तू ज़रूर सोंच
सोंच के नोंच
या नोंच के सोंच
पर तू कभी मत नोंच
सोंच में लोच
या लोच से सोंच
पर तू ज़रूर सोंच
सबमें है थोड़ी खोंट
हॉ॑, तू जरूर सोंच
देते समय अपना वोट
बिना लिए कोई भी नोट
क्योंकि लगती है जोर से
वोट की चोट
वोट की चोट
हॉ॑, भाई वोट की चोट
©संजय कुमार 'संज'
(Pic courtesy)